मेरा नाम सालू है और मैं 35 साल की हूँ। लोग मुझे प्यार से सालू कह कर पुकारते हैं। Driver Se Chudi
और प्यार से पुकारे भी क्यों ना, मैं हूं ही इतनी प्यारी और प्यारी, कि सभी के दिल में मेरे लिए जगह बन ही जाती है।
मेरा प्यारा सा मुखड़ा, दमकता हुआ गोरा रंग, काली नागिन के जैसे मेरे काले-काले बाल, हिरनी जैसी मेरी आंखें,
गोरे-गोरे और भरे हुए मेरे गाल, चमकते हुए मेरे दांत, बड़ी-बड़ी मोटी चूचियां, केहर धाती हुई मेरी उबरी हुई गांड,
सब कुछ जानलेवा है। Driver Sex Stories जब मैं चलती हूं, तो मेरी चाल लोगों को अपनी तरफ खींच लेती है।
जो भी मेरी मटकती गांड को देख लेता है, हाय-हाय करने लग जाता है।
“हाय मैं मर जावा, वाह क्या माल है, हाय गजब का जिस्म है” ये सारी बातें मर्दों के मुंह से सुन-सुन कर मेरे कान पक गए हैं।
वैसे सच बात बोलू, तो मुझे ये सारी बातें सुनने में मजा आता है।
चलिए अब मैं अपनी Desi Kahani शुरू करती हूं।
मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में बतौर अधिकारी काम करती हूं।
मुझे पिछले महीने प्रमोशन देकर पूर्वोत्तर डिवीजन का प्रमुख बना दिया गया।
कंपनी द्वारा गाड़ी, बंगला और ड्राइवर सब कुछ उपलब्ध कराया गया।
ड्राइवर के लिए मैंने स्थानीय अखबार में इश्तेहार दे दिया। मुझे ड्राइवर की नियुक्ति अपनी आप करनी थी।
मेरे मन में विचारों का द्वंद्व चल रहा था। मैं सोच रही थी,
कि ड्राइवर के लिए ऐसे लड़के को रखा जाए, जो गाड़ी चलाने के साथ-साथ मेरे तन की ज्वाला को भी शांत कर सके।
मैं ऐसे भी चुदवाने के लिए, हमेशा तड़पती रहती हूँ। अगर मेरा ये इरादा कामयाब हो जाता है,
तो “एक पंथ दो काज” वाली कहानी चरितार्थ हो जाती है। अब मैं इस लक्ष्य पर काम कर रही थी।
निर्धारित तिथि पर लग-भाग 100 युवक साक्षात्कार के लिए आये।
मैं जिसका भी इंटरव्यू ले रही थी, साथ में उसके कद काठी का भी हिसाब लगा रही थी। मैंने 100 लड़कों में से 3 को शॉर्टलिस्ट किया
और अब 3 में से किसी एक को चुनना था। आख़िरकार एक लड़का जिसका नाम सुनील था,
उसको मैंने ड्राइवर की नौकरी के लिए सेलेक्ट कर लिया।
सुनील एक 6 फुट लंबा हैंडसम, गठीला और स्मार्ट लड़का था। मैंने उसको शाम को 7 बजे मिलने को बोल दिया।
फिर मैं अपने क्वार्टर में आ गई और सुनील के आने का इंतजार करने लग गई। इस बीच मैं एक-दम फ्रेश होकर और बदन पर गाउन डाल कर बैठी थी।
ठीक 7 बजे सुनील आया और अभिनंदन करते हुए मेरे सामने खड़ा हो गया। मैंने शंभु को ऊपर से नीचे तक गौर से देखा और बोली-
मैं: मैंने तुम्हारी स्मार्टनेस को देख कर तुम्हें सेलेक्ट किया है। मैं आशा करती हूं, कि तुम मेरी उम्मीदों पर खरे उतरोगे।
सुनील बोला: जी मैम.
फिर मैं एक्साइटमेंट में शंभु से पूछ बैठी: अच्छा मैं तुम्हें कैसी लगती हूं।
सुनील: बिलकुल अछि मम। आप तो लाखो में एक हैं. भला पूनम के चाँद को कोई कैसे ख़राब कह सकता है।
फ़िर मैं बोली: तो फ़िर समझ लो, कि तुम्हें हमेशा मेरी गाड़ी चलाने के साथ-साथ, इस पूनम के चाँद को भी मुरझाने नहीं देना है।
सुनील बोला: ठीक है मैम.
फिर मैं सुनील को अंदर ले गई और सुनील की बेल्ट में हाथ डाल के खींचते हुए बोली-
मैं: अब लेलो मजा पूनम की रसीली मस्त चूत का और बुझा दे अपने लंड के रस की फुहार से, मेरी जल्दी हुई चूत की ज्वाला को .
सुनील के सामने सौंदर्य की प्रतिमा, उसको खुल्लम न्योता दे रही थी। सुनील ने जरा भी देर न करते हुए,
अपने होठों को मेरे गुलाबी रसीले होठों पर लगा दिया।
वो एक भंवरे की तरह मेरे गुलाब की पंखुड़ियां जैसे होठों से रास चुनने लग गया। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे हैं।
मेरा हाथ अभी भी सुनील की पैंट में ही था
और मैंने झटके से उसकी पैंट को उतार दिया। पैंट उतारते ही, मैंने उसका अंडरवियर भी उसके जिस्म से अलग कर दिया।
जैसे ही मैंने उसका अंडरवियर उतारा, उसका विशाल, लांबा, मोटा और सिर्फ लोडा फैनफनाता हुआ मेरी आंखों के सामने आ गया।
मैं ऐसे मोटे, लंबा और मजबूत लंड को देख कर काफी खुश हो गई। बरबस ही मेरे मुंह से निकल गया:
ड्राइवर के साथ चूत चुदाई का मजा – Driver Se Chudi
“अगर आपके पास सेक्स के लिए कोई लड़की नहीं है तो आप बुक करे :- CP Escorts“
इतने मोटे, लम्बे और मजबूत लोडे का इस्तमाल तो झंडे के बांस के रूप में हो सकता है।
आज मैं इस बांस रूपी लोडे से चुदवा कर धन्य हो जाऊंगी।
सुनील अपने लंड की तारीफ सुन कर उछालने लग गया और वो मेरे होठों पर,
गालो और गर्दन पर ताबाद-तोड़ चूमिया लेने लग गया। उसका लंड जैसा मेरी मुट्ठी में समा नहीं रहा था।
बार-बार उसका लंड मेरे हाथ से फिसल जा रहा था। फिर मैं बोली- मैं: हाथ में जितना उछलना है उछल ले.
चूत में लेके ऐसा चुनूंगी, कि तेरी सीटी बज जाएगी। तेरा सारा रस पूरा का पूरा मेरा भोजन बन जाएगा।
फिर सुनील ने एक ही झटके में, मेरे पूरे का पूरा गाउन मेरे बदन से अलग कर दिया। मेरा तरसा हुआ संगेमरमार जैसा बदन देख कर,
सुनील की आंखें चमक उठीं। अब वो सब कुछ भूल कर, मेरी सांसों के साथ उठती-बैठती चूचियों को देख रहा था।
वो अपनी किस्मत पर इत्र रख रहा था, एक अप्सरा जैसी सुंदर नारी, आज उसकी बाहो में अपनी चुदाई करवाने के लिए मचल रही थी।
तभी सुनील को मैंने झकझोर दिया, जिसे उसको होश आया और फिर उसने मेरे चूचो के साथ खेलना शुरू कर दिया।
वो हॉर्न की तरह मेरे चूचो को दबा रहा था और Meri Chudai के लिए मचलने लग गई।
मैं अब सारा फंक्शन गली में, यानी चूत में चाहती थी। मेरी चूत से लगतार रस की बूंदे तपाक रही थी।
सुनील समझ गया था, कि अब उसको क्या करना है। वो मेरी टांगे के बीच बैठ गया
और मेरी चूत के रस को चटर-चटर चाटने लग गया।
मेरी चूत के दाने पर, सुनील की जीभ का स्पर्श, मुझे झकझोर दे रहा था।
जब भी मेरी चूत के दाने पर उसकी जीभ का स्पर्श पड़ता, तो मेरा पूरा जिस्म कांप उठता।
मैं हर बार गिरते-गिरते बच रही थी। फ़िर मैं बोली-
मैं: सिर्फ़ चूत चाट-ता ही रहेगा, या चोदेगा भी।
साले जल्दी से अपने लोडे को मेरी चूत में डाल दो और खचा-खच चोद कर, मेरी चूत का भोंसड़ा बना दे।
मेरी चूत जल रही है, बरसा दे अपने लंड का पानी मेरी चूत में और ठंडा करदे मेरी चूत की आग को।
फिर सुनील ने मुझे अपने भगवान से उठा लिया और बिस्तर पर लिटा दिया। सुनील का लंड मेरी चूत में जाने के लिए फ़ुकार मार रहा था।
सुनील मेरी तांगे खोल कर बीच में बैठ गया और अपने लंड को मेरी चूत के मुँह पर रगड़ने लगा।
फिर उसने एक-दम से जोरदार धक्का मारा और उसका विशाल और मोटा लंड, मेरी चूत की दीवारों को चीरता हुआ अंदर समा गया।
उसके साथ और मोटे लंड का अपनी चूत में एहसास, मुझे स्वर्गिक आनंद की प्राप्ति करवा रही थी।
उन सुखद पलो में मेरी आंखें बंद हो गई और सुनील मेरी चूत में अपने लंड को दौड़ा रहा था और मुझे चोद रहा था।
मेरी गांड खुद-बखुद उछल-उछल कर लंड अपने अंदर ले रही थी।
जैसी-जैसी गांड उछलती, वैसे-वैसे शंभु भी लंड मेरी चूत में डालता। चुदवाते-चुदवाते मेरी चूत में से फच-फच की आवाज आ रही थी।
मुझे असीम मजा मिल रहा था और इस मजे को, मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती। सुनील मुझे चोदता जा रहा था और आह.. ऊह.. की आवाज़ कर रहा था।
मुँह से तो मेरे भी आह.. ओह… की आवाज़ निकल रही थी। अब चूत और लंड की लड़ाई में फटाक-फटाक की आवाज कमरे में गूंज रही थी।
मैं फील कर रही थी, कि चूत के अंदर सुनील का लंड डेढ़ गुना मोटा हो चुका था।
मेरी चूत सिकुड़ कर छोटी हो गई थी। ये कहानी आप Hindi X Story पर पढ़ रहे हैं।
कल्पना कीजिए, उसकी चूत छोटी और लंड मोटा हो चुका था, इसका मतलब ये था, कि कितनी ताकत से चुदाई हो रही थी।
सुनील आह्ह.. आह्ह.. करने लगा और उसका शरीर खत्म हो गया। मैं समझ गई, कि सुनील का माल छूटने वाला है।
मैं गांड उछालने की स्पीड तेज़ करके, तेज़ी से अपनी चुदाई करवाने लग गई। मेरे मुँह से आह्ह.. आह्ह.. की आवाज निकल रही थी
और मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी-
मैं: आहा… जोर से चोदो, और जोर से चोदो साले।
सुनील बस और दस-बारह झटके देकर खलास हो गया। मेरी चूत ने भी उसके साथ ही मदन-रस उगल दिया।
चूत और लंड के मील-जूल रस की महक से पूरा कमरा सुभासित हो रहा था।
फिर एक साथ हम दोनों शांत हो गए और सुनील मेरी चूचियों पर बेहोश होके गिर पड़ा।
करीब 10 मिनट बाद सुनील की चेतना लौटी और वो मुझे चूमे जा रहा था।
अब मैं हूं चुदक्कड़ नंबर वन. मैं भी समझ गई, कि वो दोबारा से चुदाई करना चाहता है। भला मैं भी क्यों पीछे रहती है, मैं बोली: चोदता रह, चोदता रह, जितना दम है चोदता रह।
मेरे तो मज़े ही मज़े है. और वही हुआ. सुनील रात भर मुझे चोदता रहा. अब मेरी हर शाम पागल और हर रात रंगीन हो चुकी है।
सुनील रात-दिन साये की तरह, मेरे इर्द-गिर्द रहता है और मैं भी मन भर कर उससे अपनी चुदाई करवाती हूँ।