नमस्कार दोस्तो, मैं आज आप लोगो के लिए एक सच्ची और मजेदार स्कूल वाली Mam Ki Chudai लाया हूँ जिसे पढ़ कर आप लोगो के लंड और चूत में पानी आ जाएगा।
कहानी में आते हैं ये Hindi Sex Stories मेरे और मेरे स्कूल वाली मैडम की है।
मेरा नाम मनीष है और मेरी उम्र 24 साल है, मुझे अच्छा लगा और मेरा लंड 7 इंच का है और मोटा है।
अब बात करते हैं मेरी स्कूल की मैडम का जिनका नाम सविता है लेकिन लोग उन्हें प्यार से बोलते हैं।
उनका उम्र 40 साल है और वो दिखने में सुंदर लगती हैं। उनके स्तन
और गांड अच्छे बड़े साइज़ के हैं जैसे आप ठीक-ठाक बोल सकते हैं।
ये कहानी मेरे बचपन से शुरू होती है जब मैं स्कूल जाता हूं।
मैं क्लास केजी 1 से पढाई स्टार्ट करता हू और मेरी टीचर थी सविता। जो प्राथमिक विभाग को ही पढाया करती थी।
वो मैडम इतनी अच्छी थी कि वो बहुत अच्छी पढ़ती और सिखाती थी। मैं जल्दी से सारी चीजें सीख गया।
मैडम वी मुझे होशियार बच्चा समझती थी। वो जब वी कुछ पूछती तो मैं फटाफट बता दिया करता था और बाकी बच्चे नहीं जानते तो मैडम उनको पिटती थी।
बचन से ही मैडम के दिल में मैंने जगह बनानी शुरू कर दी थी।
इस तरह कक्षाएं बढ़ने लगीं और मैं कक्षा 2 में पहुंच गया और कक्षा में सबसे छोटा छात्र बन गया।
होशियार बच्चा और मैडम का पसंदीदा छात्र बन गया।
मैडम जब वी ब्लैक बोर्ड में लिखा तो मैंने हमेशा मैडम के स्तनों को निहारता रहता था
और सोचता था कि मैडम के स्तन कैसे दिखते होंगे।
इस बिच कुछ महीने में मैडम स्कूल नहीं आई और फिर कुछ महीने में बाद
जब मैडम स्कूल आई तो उनके गोद में उनकी छोटी सी बेटी थी।
मैडम उससे रोज़ लेकर स्कूल आती थी और जब वो रोने लगती थी
तो मैडम चेयर में बैठ के अपनी साड़ी से पूरी तरह से ढक कर अपना दूध यूज़ पिलाती थी।
मैं हर बार मैडम के स्तनों को निहारते रहता था कि कभी एकट झलक दिख जाए पर मैडम ये सब बड़ी सावधान से पिलाती थी।
मैडम के स्तन मुझे दूध आने पर बड़े बड़े दिखते थे।
मन करता की मैं मैडम से काहू की मुझे वी अपना दूध पिलाए पर डर लगता था कि कहीं मैडम पिताई ना कर दे।
रोज रोज ऐसा ही चलता रहता था और मैं मैडम को देख कर ही खुश हुआ करता था।
था तो मैं वी बच्चा ही मन में ख्याल आता था कि काश मैडम का दूध पीने को मिल जाता तो कितना अच्छा लगता लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।
धीरे-धीरे क्लास बढ़ाने लगेंगे फिर हम क्लास 6वीं में पहुंच गए और फिर मैडम हमारी क्लास में नहीं पढ़ाती थी।
तो उन्हें बस स्कूल शुरू होने से पहले और स्कूल खत्म होने के बाद ही देख पता था।
हुआ एक दिन कुछ यू कि जैसे स्कूल की छुट्टी हुई तो सब जाने लग तो मैं वी घर जाने के निकलने लग तो
मैं स्कूल के पीछे तरफ एक पतली सी पगडंडी वाला रास्ता था उसमें से सबसे पहले जाने के लिए निकलने लगा तो जो देखा वो देखते रह गया.
सविता मैडम उसी स्कूल के पीछे पगडंडी वाले रास्ते के किनारे बैठ कर परेशान होकर पिसाब रह रही थी
और रास्ते में उनकी गांड थी जो उनको सारी को उठा कर गांड को खुला करके बैठी थी।
तभी मैंने पहली बार देखा कि मैडम की गांड कैसी है और कितनी गोरी गोरी सुंदर सी है।
मैंने अपनी चाल धीमी कर ली और चलते-चलते मैडम की प्यारी गांड को निहारता रहा।
मैडम ने मुझे देख लिया पर उन्हें अपनी गांड को नहीं ढका।
जब मेरी और मैडम की नज़र आपस में मिली तो मैंने शर्म से अपना चेहरा दूसरा ट्रफ करके वाह से जल्दी निकल गया।
घर जाने के बाद मेरे मन में सिर्फ मैडम की गोरी गांड ही घूमती रही।
मैंने सोचा था कि काश उस दिन मैं जा कर मैडम के गांड को मुँह में भर लेता और बहुत चाटता लेकिन ये सिर्फ सपना बन गया।
मैडम का घर उसी स्कूल वाले मोहल्ले में था सड़क के किनारे और उनके घर से अगला मोहल्ले में था।
वैसे तो मैडम की शादी दूसरे गांव में हो चुकी थी लेकिन वो अपने मायके में रहती थी और पढ़ती थी।
धीरे-धीरे क्लास बढ़ाने लगेंगे और मैं क्लास 8वीं में पहुंच गया इस बीच मैडम ने अपनी दूसरी बेटी को जन्म दिया।
मैं बीएस आते जाते ही मैडम को देख पता था और हमेशा मन में उनकी नंगी गोरी गांड ही दिखती थी।
जब वो पास से गुजर रही होती थी तो मैं उन्हें प्रणाम करता था और वो खुश रहो खाती थी।
अब उन्हें क्या पता कि मेरी ख़ुशी किस चीज़ में है। क्या इस बार मेरे स्कूल से निकल गया
क्योंकि वहां सिर्फ 10वीं तक पढ़ाई होती थी। मैं दूसरे स्कूल गया और फ़िर कॉलेज गया।
इसी बिच एसबी टीआरएफ कोरोना फेलने एलजीए और देश में लॉकडाउन एलजी गया।
क्या बहुत से लोगों की जान चली गई और एक जान मैडम के पति की वी थी जो कोरोना के कारण हुई थी।
पति के चले जाने से मैडम की जिंदगी एक दम बदल गई वो फूल की तरह अब सजी नहीं दिखती और एक दम उदास रहती थी।
उनकी बेटियां बड़ी हो गई थीं और उन्होंने एक को नर्सिंग के लिए भेज दिया तो दूसरी को हॉस्टल में डाल दिया।
फिर एक दिन किसी बात को लेकर मैडम और उनके भाई के बीच झगड़ा हो गया और मैडम ने घर छोड़ कर स्कूल के बगल में अपना पर रूम ले लिया।
Mam Ki Chudai – Free Sex Kahani
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मैडम वाह अकेली रहति थी और स्कूल में पढ़ती थी और चुप चाप कमरे में पड़ी रहती थी।
फिर एक दिन हुआ कि उन्होंने मुझे रास्ते में देखा और कुछ बातें लिखीं कि पूछा क्या करते हो इधर उधर की बातें। फिर उन्होंने मुझे अपने कमरे में बुलाया रात को।
तो मैं खुश हो गया कि मैडम के पास जाना है। मैं रात होने का इंतजार करने लगा जब रात हुई तो मैं उनके पास चला गया।
जब मैं मैडम को देखा तो देखा वह एक नाइटी में थी और बहुत सुंदर एलजी रही थी। मैं बार मैडम के नंगी गोरी तांगे देख पर रहा था।
मैडम ने मुझे बिस्तर पर बैठाया और चाय बना कर लाई और दोनों चाय पीते हुए बात करने लगे।
फिर मैडम अपने पति कोयाद करके रोने लगि तो मैं उनको आँसू पूछने लग और
मैं वी रोने लग और उन्हें चुप क्रने लग की माउंट रोयिये मैडम मैं हू ना अब आपका ख्याल मैं रखूंगा।
फिर मैडम चुप हुई और मेरे गले लग गई मुझे उनके स्तन अपनी छाती में दबने का एहसास हुआ जो मेरे अंदर एक तूफान उत्पन्न करने वाली थी।
फिर मैंने मैडम से कहा मैडम आप बहुत सुंदर हो। मैं आपको कभी रोता हुआ देखना नहीं चाहता।
प्रॉमिस कीजिए कि आप कभी नहीं रोओगी तो मैडम ने प्रॉमिस किया। फिर मैं कल आउंगा कह कर मैं वहां से मैडम का मोबाइल नंबर। ले कर घर चला गया.
फ़िर मैडम ने कॉल करके बुलाया तो मैं चला गया। मैडम ने आज सारी फोनी हुई थी और सुंदर एलजी रही थी।
मैडम मुझे देख कर खुश हो गई और पूछने लगी कि मेरी सारी में कैसी लग रही है
तो मैंने कहा आप मैडम मुझे बचपन से ही बहुत अच्छी लगती हो। मैडम खुश हूं मेरे माथे को चूम लेती हूं और खाती हूं तू तो मेरा सबसे प्यारा स्टूडेंट है।
फिर पूछती हूं कि तेरी कोई गर्लफ्रेंड है क्या या साड़ी खरीदने वाला है तो मैं खाता हूं कि मैडम मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है
और ना ही शादी का कोई प्लान है क्योंकि मेरी कोई जॉब नहीं है
और बिना जॉब के कोई लड़की नहीं देगा शादी के लिए. और लड़कियाँ मुझे भाव नहीं देती इतना कह कर मैं उदास हो गया।
मैडम ने मेरे चेहरे को देखा और देखने लगी कि उदास मत हो मनीष वो लड़कियाँ क्या जाने की तू कितना प्यारा है ये तो मैं ही जान सकती हूँ तुझे बचपन से पढ़ाया है।
मैं बोला हम्म मैडम आप ही मुझे समझती हो।
फिर मैं घर जाने लगूंगा तो मैडम रोकने वाली पर मैं बोला कि मेरे घर में काम हो गया और निकल गया।
मैं सोचने लगा कि मैडम से इतना प्यार करता हूं क्या मैडम और मुझसे उतना ही प्यार करना होगा।
मैंने सोचा क्यों ना मैडम को आजमा के देखो, फिर मैंने 2 दिन मैडम के रूम नहीं लिया और ना ही उनका कॉल रिसीव किया।
फिर अगले दिन जब मैडम के रूम में गई तो मैडम के आंख में आँसू थे वो बोल रही थी
कि मुझे तुम्हारे साथ टाइम स्पेंड करना अच्छा लगता है एच पर तुम वी मुझे इग्नोर कर रहे हो।
मैंने कहा ऐसी बात नहीं है मैडम मेरा काम व्यस्त था, मैं आपकी बहुत मदद करती हूं तभी आपके पास आता हूं।
फिर मैडम चुप हुई बहुत सारी बातें हुई फिर मैंने कहा अब मैं घर जा रहा हूं तो मैडम ने कहा अवि तो आए हो और अवि ही जा रहे हो क्या बात है।
मैंने कहा मुझे कम एच तो मैडम ने कहा मुझे छोड़ कर मत जाओ ना मुझे अच्छा नहीं लगता जब तुम छोड़ कर चले जाते हो तो मैंने कहा क्यू मैडम को मैडम ने कहा पता नहीं।
मैडम के बहुत कहने पर मैं वहां रुक गया। फ़िर मैडम ने खाना बनाया और हम दोनो ने खाया।
फिर सोने के लिए मैडम ने मुझे अपना साथ बुला लिया। मैं और मैडम मेरे साथ सोने लगेंगे।
मैं सोचने लगा कि कहीं ये सपना तो नहीं है, पूरा बचपन जिसने सोच कर बिताया था वह अब पूरा हो रहा है।
सोते सोते मैडम और मैं बात करते रहिए कि तभी मैडम ने कहा तू मुझे बहुत अच्छा लगता है एच पता नहीं क्यों,
बचपन से ही तुझे जब वी देखती हूं तो एक प्यार उम्मीद पढ़ता हूं मेरे अंदर पता नहीं क्यू
और जब तू मेरे से दूर चला जाता है तो मुझे जीने का मन नहीं करता है मनीष और रोने लगी।
अब मैडम को रोता देख मेरे वी आशू आ गए और मेरे मुँह से मेरे दिल की बात बाहर आ गई और मैं खाने लगा।
हम्म मैडम मुझे और आप बचपन से बहुत पसंद हैं, बचपन से जब तक आपको कोई नजर नहीं आया, मुझे चेन नहीं आती।
स्कूल वी मैं रोज ही जाता तगा कि आपको देख सकू। आप नहीं देखते थे कोई दिन तो मेरा मन किसी चीज में नहीं लगता था।
मैडम ने कहा इतना प्यार करता हूं तू मुझसे तो मैंने कहा हम्म मैडम मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं आपके बिना मैं नहीं पाऊंगा।
तो मैडम वी रोते हुए खाने लगी कि तुझे हमेशा से प्यार हुआ लेकिन मैं उस समय शादीशुदा थी और तू बच्चा था इसलिए मैंने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा।
वैसे अब वी मेरी उम्र ज्यादा हो चुकी है और तू अभी यंग है तुझे तो सुंदर से सुंदर एक से दूसरी लड़की मिल जाएगी मुझे कौन मिलेगा जो मेरा साथ हमेशा दे सके।
तो मैंने कहा मैडम मैं हूं ना आपका हमेशा साथ निभाऊंगा और आपको कभी अकेला नहीं छोड़ूंगा।
तो मैडम कहने लगी मेरे साथ ऐसा क्या अच्छा लगता था तुझे जो तू मुझसे इतना प्यार करता है मुझे सच जानना चाहिए।
तो मैंने कहा मैडम मुझे आपका घंटा अच्छा लगता है ये आंख, ये बाल, ये नाक, ये होथ एसबी कुछ।
मैडम बोलने वाली तू झूठ बोल रहा है तुझे मेरे स्तन बहुत पसंद हैं जिसे तू बचपन से बहुत पसंद है
तुझे मेरी गांड पसंद है जिसे तू लालची नज़रों से देखता था कह दे ये झूठ और खा मेरी कसम।
मैंने कहा मैडम ये सच है कि मैं आपके स्तन बचपन से गोरता आ रहा हूं, मुझे आपके स्तन बहुत अच्छे लगते हैं,
बचपन से दिल करता था कि मैं इसको चूस चूस कर पी जाउ और जब से मैंने आपको परेशान करते हुए देखा था तब से मुझे आपकी प्यारी गांड ने दीवाना बना रखा है।
मैडम ने इतना सुनते ही अपनी साड़ी निकल फेकी और कहने लगी मनीष अपने बचपन की हसरत पूरी कर ले
और किस करने लगी और कहने लगी ये ले तेरे पसंदीदा स्तन और मेरे हाथ अपने स्तन पर रख दिए।
मैं मैडम के स्तनों को हाथ से मसलने लगा मुझे बहुत मजा आने लगा और फिर मैंने उनका ब्लाउज खोल कर फेक दिया
फिर उन्हें अपनी ब्रा उतार दी अब मेरे सामने उनके बड़े बड़े स्तन थे जो देखने में मुझे बहुत मजा आया और उनका गुलाबी निपल ताना हुआ था
जिसे देख कर मेरे बचपन की प्यास जाग उठी मैं निपल्स को मुँह में भर कर खिच खिच कर चूसने लगा मजा बहुत आ रहा था
और मैडम आह आह कर रही थी और बोलने लगी मनीष धीरे चूस अब इसमें दूध नहीं आता, दर्द हो रहा है।
मैं उदास हो गया तो वापस आ गया की कोई बात नहीं किसी लड़की से साडी कर लेना और जब वो प्रग्नेंट होगी तो उसका पी लेना।
फिर मैडम ने मेरा लंड पकड़ लिया और खुद पूरी नंगी हो गई और मुझे नंगा कर दिया।
और मेरा लंड चूसने लगी और चुस्ती रही जब टीके मेरे वीर्य का पूरा एक एक बूंद चूस न ली तब।
फिर मुझे अपनी चूत चूसने को मिलेगी तब मैंने लाइफ में पहली बार किसी की चूत देखी थी जो थोड़ी फेल हुई थी
पर बहुत प्यारी थी और उसमें से खुशबू आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी।
फिर मैंने मैडम की चूत और गांड बहुत चाटी और जब लंड खड़ा हुआ तो मैंने मैडम की रात भर खूब चुदाई की। इससे मैडम को बहुत ख़ुशी मिली।