हेलो दोस्तो कैसे हो आप लोग। बहुत दिनों के बाद मुझे मौका मिला Kamuk Bur Ki Chudai 6 लिखने का।
क्या करूं टाइम ही नहीं मिल रहा था।
मैं अपने बारे में बता दूं। मेरा नाम सोनी है और मैं दिल्ली की हूं।
मेरी पिछली Hindi Sex Stories पढ़ के कई लड़कों ने मुझे मेल किया था।
कुछ के साथ तो मैं चाहता हूं। उन्हें मेरी पहली फोटो मांगी जब फोटो दी तो बोला आवाज सुनी है वीडियो भेजो।
तो मैंने कहा कि बात करनी है तो करो नहीं तो बाय बाय। तो अभी भी चैट करते हैं बाकी कुछ दिन के बंद हो गए।
जैसा की मैंने पिछली कहानी में बताया कि मम्मी और मैं गांव में रहने लगी।
चाची भी कुछ दिनों बाद चाचा के साथ मुंबई चली गई।
दोस्तो चाची के ना होने से मैं बहुत अकेली हो गई। ( Kamuk Bur Ki Chudai 6 )
चाची रहती थी तो मन की बात करती थी. चाची जब से गई bur chudai story भी नहीं हो पा रही थी।
बस अपने हाथ से ही काम चलाना पड़ता था। और चाची के ना रहने से मम्मी मुझे ज्यादा बाहर जाने नहीं देती थी।
हमारे गाँव में एक दुकान थी जिसने किराना का और सब्जी का सामान मिलता था।
मैं सिर्फ दो ही काम के लिए घर से बाहर निकलने को मिला था।
एक तो खेत में गले लगाने को सुबह और शाम और दूसरी दुकान से समान सब्जी लेने को।
जब लंड मिलना बंद हो गया तो मैं अपने हाथ से काम चलाने लगा जो मिल गया।
ज्यादातर हेयर ब्रश का पिछले वाला या सब्जी में बैगन। हर हफ़्ते में 250 ग्राम बैगन ख़रीदाति थी।
3-4 पीस मिल जाते थे उनको झोले में छुपके लाती।
पहले उन्हें अपने कमरे में रखा और फिर सब्जी मम्मी को दे दी।
मम्मी रूम की सफ़ाई करती थी इसी लिए मैं बैगन को अपने पर्स में रखती थी।
क्योंकि मम्मी कभी मेरा पर्स नहीं देखतीं।( Kamuk Bur Ki Chudai 6 )
मेरा डेली का फिक्स था नहाने से पहले बाथरूम में चूत का पानी झड़ना और रात को सोने से पहले।
दिन में जब भी जोश चढ़ता तो पर्स से बैगन निकाल के बाथरूम में जाती
और बूर में घुसा के जोश शांत करती। पर जो मज़ा मर्द के लंड में है वो किसी और चीज़ में नहीं मिलता।
जब तक मर्द ज़ोर ज़ोर से चोद के धक्का ना मारे तब तक मजा नहीं आता।
चुकी हमारे गांव के सभी लोग यहीं जानते हैं कि मैं बहुत सारी लड़की हूं।
ये ही बात है मेरी जवानी की दुश्मन बनी हुई है। इसी के चलते गांव के किसी लड़के को लाइन नहीं दे पाती। ना ही कोई लाइन मारता है.
सब यहीं सोचते होंगे कि ये नहीं कटेगी। कभी कभी बहुत गुस्सा भी आता था. भगवान से यही मांगती थी
कि कोई लंड का जोगाड़ करवा दे। पर वो भी निर्देई है जल्दी सुनता नहीं। हमारा खेत गांव से बाहर था
और मैं वही हगने जाती थी। हमारे घर में भी टॉयलेट है पर मम्मी और मैं भी खेत में ही जाते हैं।
सिर्फ बारिश के दिन ही हम घर का शौचालय इस्तेमाल करते हैं। खेतो में 2-3 ही मकान बने हैं.
वो भी बगल के गांव के होंगे बाकी पंपसेट है। हमारे खेत से थोड़ी दूर एक मकान है पर उसमें कोई रहता नहीं है। एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली. ( Kamuk Bur Ki Chudai 6 )
जब शाम को खेत में गई तो देखा उस घर की छत पर एक आदमी खड़ा था।
वो शायद मुझे देख रहा था। मैं उससे छुप के खेत में बैठ के शौचालय की।
जब मैं चुप के बैठी तो वो इधर उधर मुझे खोजने लगा। मुख्य उपयोग देख पा रही थी और मन में खुश हो रही थी।
फिर मुख्य शौचालय करने के बाद गांड धोई और सलवार पहन के जाने लगी और कभी-कभी उससे देखती है।
उसके बाद अक्सर वो मुझे दिखता। हमारे यहां बाजार गांव से करीब 3 किमी दूर है।
एक बार मैं और पापा मार्केट गए थे। मुझे चप्पल लेना था और पापा को कुछ घर का सामान लेना था।
जूते की जदातर दुकान हमारे यहाँ मुसलमानों की है। पापा मुझे एक दुकान में ले गये। वो बोले तुम पसंद करो तबतक मैं और सामान खरीद लेता हूं।
दुकान पूरी खाली थी कोई ग्राहक नहीं था। एक अंकल थे उनको मुझसे पूछा मैंने कहा सैंडल चाहिए।
वो दो सैंडल दिखाये थे कि एक आदमी आया और बोला, “चाचा अम्मी बुला रही हैं घर पे। ( Kamuk Bur Ki Chudai 6 )
आप जाओ मैं दिखा देता हूं।” फिर अंकल चले गए और वो आदमी मुझे सैंडल दिखाने लगा।
पर बार-बार वो मुझे देख रहा था। फ़िर अचानक बोला, “आप कौन से गाँव की हैं?”
मैंने पूछा क्यों मुझसे नहीं जानता. टी वो बोला कि, “मैं बाहर रहता हूं मुंबई में यहां कुछ दिन पहले आया हूं।
” फिर हमारे बीच सामान्य बात हुई जैसे नाम, गांव, पढ़ाई आदि।
फिर वो बोला, “एक बात बोलूं बुरा नहीं मानेंगी।” मैं बोली बोलो.
तो वो बोला, “मैं रोज तुमको खेत में जाता वक्त छत से देखता हूं।
” मैं तुरंत समझ गई ये वही है। और मन ही मन में बहुत खुश हुई कि चलो ये मुझे पहचानता नहीं है।
मैं बोली, “अच्छा वो तुम्ही हो? तुमको शर्म नहीं आती मुझे देखते हुए?”
Kamuk Bur Ki Chudai 6 – Hindi X Story
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वो बोला, शरम तुमको आनी चाहिए। मैं छत पर रहता हूं पर फिर भी तुम खेत में लैट्रिन करती हो।
‘ और कुछ बात होती तब तक देखी उसके चाचा आ रहे थे। ( Kamuk Bur Ki Chudai 6 )
मैंने जल्दी से कहा शाम को मिलना खेत में और बोल के सैंडल पसंद करने लगी। सैंडल लेके पापा और मैं घर वापस आ गए।
शुद्ध रास्ते में उसी के बारे में सोचता रहा। सोच सोच के मेरा जोश चढ़ने लगा और बोर पानी पानी होने लगी। उसका नाम रफीक था.
उमर करीब 34 होगी. घर पहुंच के मैं सीधे बैगन लेके बाथरूम में चली गई और खुद को संत की। फिर शाम का इंतज़ार करने लगी.
ठंड का मौसम था 4.30 पे ही हल्का हल्का अँधेरा होने लगा। मम्मी को बोल के मैं खेत के लिए निकल गयी। वो छत पे ही खड़ा था.
मुझे देखते ही छत से उतर के मेरे खेत की तरफ आने लगा। हमारे खेत के बगल में एक राहर का खेत था।
मैं उसमें चली गई और फिर वो भी दूसरे साइड से आया। दोनों मिलते ही मैंने कहा बोलो क्या बोल रहे थे।
वो बोला कि तुम मुझे बहुत पसंद हो। मैंने कहा कि, “तुमको डर नहीं लगता मुझसे ऐसी बात करते हुए?
” वो बोला, “मैं तुम्हें कुछ दिनों में ही समझ गया कि तुम चालू चीज़ हो।”
मैंने कहा कैसे तो वो बोला. “कोई भी लड़की खेत में शौचालय करने आये।
और कोई लड़का रोज उसे देखे तो लड़की दो तीन दिन बाद एक आने का समय बदल देगी। ( Kamuk Bur Ki Chudai 6 )
पर तुम रोज़ उसी टाइम पे आती थी। इसे ही मुझे पता चल गया कि तुम चालू चीज़ हो।
फ़िर हमें दिन तुमको बाज़ार में देखा।”
“और देखते ही समझ आ गया कि तुम चुदवाने को तैयार हो जाओगी।
क्यों कि मैंने भी मुंबई में बहुत लड़कियों को चोदा है।
और लड़की का फिगर देख के बता सकता हूँ कि लड़की चुदक्कड़ है नहीं।
” मैने कहा, “क्या मैं तुमको चुदक्कड़ लगी?”
वो बोला, “हां बहुत बड़ी. इसी लिए तो चाचा को भेज कर मैं तुमसे बात करने आ गया।
” फिर वो मुझे अपनी तरफ खींच लिया और किस करने लगा।
किस ज़ोर से कर रहा था और दोनों हाथ से मेरी Moti Gand ज़ोर से दबा रहा था।
मैं भी उसे बाहो में पकड़ के किस का मजा ले रही थी।
कितने दिनों बाद किसी ने मुझे किस किया मेरी गांड दबाई। जब पीछे गांड दबा रहा था
तो मैं एकदम उससे चिपकी थी। उसका लंड मेरी बुर के ऊपर धँस रहा था। ( Kamuk Bur Ki Chudai 6 )
मैं तो एकदम गिली हो गई. तभी मुझे याद आया कि देर हो रही है तो मैंने उसे ना चाहते हुए रोका
मैंने बोला, “आज देर हो रही है। सुबह मिलो अगर मम्मी साथ नहीं आईं तो।
” तो उसने कहा थोड़ा देर रुको बुरा तो दे दो।
मैने कहा, “नहीं चोदोगे तो मुझे बर्दाश्त नहीं होगा काई दिनों से नहीं चुदी हूँ।
कल चोद लेना।” उसने कहा अच्छा तो लंड ही चूस लो. उसने चैन खोल के लंड निकाल लिया.