Kamuk Bur Ki Chudai 10 – कामुक बुर की चुदाई

This entry is part in the series Bur Chudai Ki Tamanna » Bur Chudai Ki Kahani

हेलो दोस्तों कैसे हो आप लोग? बहुत दिनो बाद आप लोग के पास आये। जो मुझे नहीं पता था उनको बता दूं मेरा नाम सोनी है।

मैं दिल्ली से हूं. मेरी कई कहानी आ चुकी है ‘Bur Chudai Ki Tamanna Series‘ नाम से।

वैसे तो मैं अब अपने गांव पे हूं। और गांव पे सब मुझे बहुत शरीफ समझते हैं। पर मैं बहुत बड़ी चुदक्कड़ हूँ.

कैसे बनी अगर ये जानना है तो मेरी पुरानी Kamuk Bur Ki Chudai 10 पढ़ लेना। मेरी पिछली कहानी पढ़कर बहुत लोगो ने कमेंट किया।

कई से चैट भी हुई. पर धीरे-धीरे सब ने चैट बंद कर दी।

मैंने तब भी कहा था अब भी कह रही हूं। मैं किसी से चुद नहीं सकती क्यों कि गांव पे हूं और यहां संभव नहीं है।

जिसको सिर्फ चैट करनी हो वही मुझे मेल या मैसेज करे।

मैं सिर्फ और सिर्फ चैट करूंगी ना कोई फोन कॉल ना मिलना। चुदाई की चैट करने वाले को ही मैसेज करें।

मैं तब की बात बता रही हूं जब मैं दिल्ली शहर में रहती थी। दिल्ली में मैने बहुत अय्याशी की।

पर जहां रहती थी किसी को पता नहीं चला. मैं हमेशा चौकन्ना रहती हूं.

और सेक्स के मामले में बहुत सुरक्षा रखी गई है कि किसी को पता ना चले।

दिल्ली में मैं एक स्कूल में बच्चों को पढ़ती थी। वो प्ले-स्कूल था.

वहा मैंने बहुत कोशिश की कि किसी को पताऊं पर कोई नहीं पता।

फ़िर मैंने स्कूल बदला की और दूसरे स्कूल में पढ़ी।

वहा मैंने एक बच्चे के पापा को पटाया और उसके साथ बहुत मौज किया।

वो बहुत चुदक्कड़ थी. हर दम कुछ नया नया करता रहता था। दोनो ने खूब मजे किये। ( Kamuk Bur Ki Chudai 10 )

वो मेरी खूब जवानी लूटा और मैं उसकी जवानी का मजा ली। खूब उसके पैसे खर्च करवावै। ख़ूब चूसा का उससे।

अब बताती हूं कैसे क्या हुआ. स्कूल सुबह 10 बजे से था दोपहर 2 बजे तक।

मैं 9.30 पे ही रुक गई और गेट के पास ही खड़ी हो गई। ताकी जो भी आए मैं उसको दिखाऊं।

पर जादा तार मम्मी सब ही आई और दादा दादी ही बच्चों को लेके ऐ।

10 बजने वाला था. मैं सोचती हूं कि स्कूल में भी कोई जुगाड़ नहीं लगाएगा।

वॉचमैन ने गेट बंद कर दिया और चला गया अंदर। मैं मूड के जा ही रही थी कि किसी ने गेट नॉक किया।

मैने जाके गेट खोल दी.

एक आदमी, करीब 45 साल का, बच्चे को स्कूटी पर बैठा के रखा था। वो बोला “सॉरी मैडम देर हो गई इसे ले जाइये अंदर।

” मैं उससे गोद में उठाने को झुकी। और वो आदमी मेरी चूची को घूर रहा था। मैं समझ गई कि मुर्गा मिल गया।

मैने बोला, “कोई बात नहीं।” मैंने भी नजर से नजर मिला ली और बच्चे को लेके चली है।

जब छुट्टी हुई तो सबके माता-पिता बाहर खड़े थे। मैंने भी उसी बच्चे का हाथ पकड़ा और बाहर ले गयी।

वो आदमी बहार खड़ा था जैसा मेरा ही इंतज़ार कर रहा था। जब मैं उसकी तरफ जा रही थी तो वो मेरी चूची को घूर रहा था।

बच्चे को ले जाके उसके हाथ में दिया और वो, “धन्यवाद, मैडम,” बोला। फ़िर बोला, “आप नयी आये हैं क्या।

” मैंने कहा, “हां आज ही शामिल हूं।” फिर मैं अंदर चली गई. फिर अगले दिन वो आया मैं उसका इंतजार कर रही थी।

मुझे देखते ही एक मुस्कुराहट दी तो मैं भी हंस दी। वो मेरी आँखों में घूर रहा था। ( Kamuk Bur Ki Chudai 10 )

नज़र हटा ही नहीं रहा था तो मैं भी उसकी आँखों में देखने लगी। फ़िर वो बच्चे को चोद के चला गया।

दोपहर को जब छुट्टी हुई तो मैं बच्चे को लेके बाहर गई तो वो आता दिखा।

मैं उसे देख रही थी। जैसा ही वो थोड़ा पास आया उसने अपने दाहिने हाथ को अपने लंड पे ले जाके दबा दिया।

तो मैं उसके हाथ को देखने लगी। वो पास आया तो मैं मुस्कुरा दी।

वो बोला, “आज देर हो गई।” मैने बोला, “कोई बात नहीं।” वो बोला, “आप कहां रहती हैं?” तो मैने बता दिया.

फ़िर बोला “छुट्टी कब होती है आप की।” मैंने कहा, “3 बजे।” फिर वो चला गया.

जब छुट्टी हुई तो हम सब टीचर बाहर आ गए और अपने-अपने घर को जाने लगी।

मैं अकेला ही जा रही थी. तभी वो बाइक लेके पीछे से आया और बोला, “मैडम आइए मैं चोद देता हूं आपको।”

तो मैं भी चाहती थी हां तो जाके बैठ गई। उसने कहा, “मैडम लेट तो नहीं हो रहा ना। ( Kamuk Bur Ki Chudai 10 )

” मैंने कहा, “नहीं अकेली रहती हूं तो कोई बोलने वाला नहीं है ना।

” वो बोला, “तब चलिये कुछ खाया जाये।” मैंने कहा, “ठीक है।” मेरी चुची उसकी पीठ पर बैठ गई थी।

और मैं जान बूज कर दबा रही थी।

फिर हम एक रेस्टोरेंट में चले गए और एक साइड में टेबल पर बैठ गए।

ऑर्डर देने के बाद दोनों बाते सुरू की एक दूसरे के बारे में बताने लगे। वो 45 साल का आदमी था पूरा अनुभव।

पहला ही समझ गया था कि मैं किस प्रकार का हूं। दोनों जब बात कर रहे थे तो नजर में नजर डाल के बात कर रहे थे।

वो मेरी आँखों में आँकें डालनके बोल रहा था तो मैं भी बिना शर्माये उसकी आँखों में देख रही थी। ( Kamuk Bur Ki Chudai 10 )

बिच बिच में उसकी नज़र मेरी चूची पे जा रही थी। मुझे कोई दिक्कत महसूस नहीं हो रही थी। उल्टा बहुत मजा आ रहा था.

फिर वो पूछा, “स्कूल में कितनी सैलरी मिलती है?” मैंने कहा, “6000 हजार।” बोला, “खर्चा चल जाता है?

” मैने कहा “ये तो बस ऐसे ही शौक से करती हूँ।” कुछ देर यहीं सब मेरे बारे में पूछता रहा। फिर खाना आ गया.

और हमने खाना खाया और उसने बिल दिया और फिर वहां से बाइक पर बैठ कर निकल दिये।

Kamuk Bur Ki Chudai 10 – Free Hindi Sex Kahani

❤️ अगर आपके पास सेक्स के लिए कोई लड़की नहीं है तो आप हमारे यहाँ से बुक कर सकते है :-  ” CP Escorts Service

मैंने मन में सोची कि कुछ बात नहीं बनी। तो मैं इस बार जब बाइक का ब्रेक लगा तो आगे सरकी तो अपनी चूची जोर से उसकी पीठ पर दबा दी।

ऐसे ही कई बार हुआ. मैं जानती थी कि एइसे करूंगी तो इस्का मन में जोश आएगा।

कुछ देर चले ही तो रेलवे क्रॉसिंग मिला जिसका गेट बंद था।

लोग खड़े थे तो उसने बोला लगता है गेट बंद और बाइक रोक दिया। फ़िर बोला, “कल क्या कर रही है स्कूल के बाद?

” मैंने कहा, “कुछ नहीं. आप बताइये?”

वो बोला, “मुझे आप मत कहिए रमन कहिए।” मैने कहा, “तो मुझे भी आप मत कहिये तुम कहिये। ( Kamuk Bur Ki Chudai 10 )

” फिर वो बोला कि “कल स्कूल के बाद मेरे साथ चलेंगी?” मैने कहा, “कहाँ?” तो बोला, “मेरा एक घर है वही।”

मैने कहा, “आप की बीवी कुछ नहीं बोलेगी?” उसने कहा, “उसे घर नहीं, मेरा एक घर और है जो किराय पर दिया हुआ था।

पर इस समय वो खाली है. वही चल कर बात करेंगे।” मैने कहा, “बात तो यहीं कर लीजिये वाह क्या जाना?”

तो वो बोला, “हाँ कर सकते हैं। पर अकेले में बता करना है।” मैने कहा “क्या बात है?

मन में जो है वो बोल दीजिए. मुझसे क्या डर. मैं तो नहीं डरता आप के साथ में आने को।”

तो वो तुरेंट बोला, “आप मुझे बहुत अच्छी लगी है इसी के लिए।” मैंने कहा, “ठीक है।

” फिर वो मुझे मेरे चौराहे पर चोद के चला गया। मैं घर पहूची और मन में बहुत ख़ुशी हुई कि चलो जोगड़ हो गया लंड का।

अगले दिन मैं सुबह उठ कर सोचूं कि अपनी झांट साफ कर लूं।

तो बाथरूम में जाके बुर के सारे बाल साफ़ किया और गांड के भी। नहायी और कमरे में आयी।

मैंने सिर्फ लेगिंग्स और सूट निकला ना ब्रा पहननी ना पैंटी। सूट साइड से ज्यादा ऊपर तक काटा था।

जिसकी गांड साइड से आधी दिख रही थी।

खूब मस्त संत मारी और स्कूल को निकल गई। रास्ते में मुझे सब देख रहे थे.

हवा से सूट के पीछे से कभी कभी उठ जा रहा था सब देख का मजे ले रहूंगी मेरी गांड के। ( Kamuk Bur Ki Chudai 10 )

फ़िर स्कूल पहूची. 10 बजे वो अपने बच्चे को लेके आया।

मैंने बच्चे को गोद में उठाया तो वो धीरे से बोले, “शाम को तैयार रहना।” मैंने कहा, “हां तैयार हूं।

” फिर जब स्कूल छूटी तो वो आया और बच्चे को लेके तुरंत चला गया और बोला,

“तुम धीरे-धीरे आओ मैं अभी आया।” मैं पेडल ही जा रही थी धीरे धीरे.

तभी वो आया और मैं बाइक में बैठ कर उसके साथ चल दी। बोला, “20 मिनट लगेगा।

” मैंने कहा, “कोई बात नहीं।” सहर से थोड़ा बाहर ही निकले थे तो वो बाइक रोक दिया

और बोला, “अभी आता हूँ कुछ खाने को लेके।” वो एक दुकान में गया और वहां से कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, चॉकलेट, समोसा लिया।

मैं उससे ही देख रही थी. फिर वहां से निकला और उसके बगल में मेडिकल स्टोर था वहां गया और कंडोम ले लिया।

मैं तो समझ गई थी. फिर आया और बाइक स्टार्ट किया। मैंने मेडिकल स्टोर में देखा तो वो लड़का मुझे ही देख रहा था।

साला सोच रहा होगा, “आज ये कंडोम को पहन के इसकी बुर लेगा।”

फिर हम उसके घर पहुँच गये। घर बंद था उसने ताला खोला और हम अंदर चले गए।

अंदर दो कमरे में एक पे बिस्तर लगा था हम उसके कमरे में चले गए।

जैसा ही अंदर गया वो मुझे अकदम देख रहा था जैसा कितने जोश में है। मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था।

दोनों एक दूसरे से चिपक गए और दोनों किस करने लगे। दोस्तो इतना जोश चढ़ा था ( Kamuk Bur Ki Chudai 10 )

कि दोनों को एक दूसरे के होठ चबाया जाएगा। एक दूसरे की जिंदगी को चुन रहे थे।

किस करते रहो वो अपना दोनों हाथ मेरी गांड पे ले गया और गांड दबा दबा के किस कर रहा था।

आगे की Hindi Sex Stories अगले भाग में। मेरी मेल आईडी है soni4u9@gmail.com. अलविदा दोस्तो.

Series Navigation<< Kamuk Bur Ki Chudai 9 – कामुक बुर की चुदाईKamuk Bur Ki Chudai 11 – कामुक बुर की चुदाई Hindi X Story >>

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This will close in 0 seconds


हाई प्रोफाइल Indian College कॉल गर्ल्स और Russian कॉल गर्ल्स बुक करें

  1. WhatsApp Number
  2. Website: Call Girl For Sex

This will close in 0 seconds

This will close in 0 seconds

This will close in 0 seconds

This will close in 0 seconds

Don't Copy