दोस्तो मेरा नाम विराज है, मैं Delhi का रहने वाला हूँ मुझे Aunty Sex Story बहुत पसंद है। मैं दिख में स्मार्ट हूँ, हाइट 5 फीट 9 इंच और रंग गोरा है।
मेरा लंड 6 इंच का है. ये Padosan Aunty Ki Chudai की कहानी मेरी और पड़ोस की आंटी की है जिनका घर मेरे पास वाला है, हमारी छत मिली हुई है।
मैं आंटी के बारे में बता दूं। आंटी का नाम मल्लू है.
उमर 36 साल,
फिगर 32-30-34,
हाइट 5’4″इंच,
पतली और एक दम गोरी है, उनके पति जॉब करते हैं और उनके दो बेटे हैं जो बाहर पढ़ते हैं।
मल्लू आंटी को मैं बहुत पसंद करता हूं। उनके घर के बाथरूम का पाइप किसी वजह से बंद हो गया है।
तो आंटी अपने आँगन में नहाती है मैं रोज़ उनको छत से नहाते देखने जाता था।
आंटी रोज मुझे पैंटी में नहाते दिखती थी। मेरा लंड खड़ा हो जाता था.
मैं उनको चोदना चाहता था। मैं यही सोचता था कि कैसे आंटी को चोदा जाए।
तभी एक दिन आंटी ने मुझे देख लिया। मैं तुरन्त वहाँ से भाग आया।
शाम को आंटी छत पर घूम रही थी। तभी मैं भी आ गया।
आंटी – (गुस्से में) विराज सुबह मेरी छत पर क्या कर रहे थे तुम?
मैं – कुछ नहीं आंटी बॉल लेने गया था।
आंटी – तो वहा पे बैठ के क्या देख रहा था?
मैं – हिम्मत करते हुए आंटी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो।
आंटी हल्के से मुस्कुरायी और चली गयी।
अगली सुबह मैं फिर से आंटी को नहाता देखने छत पर गया। तो देखा आंटी बिलकुल ही नंगी नहा रही थी। ( Aunty Sex Stories )
क्योंकि इस समय उनके घर पर कोई नहीं होता, अंकल ड्यूटी चले जाते हैं।
मैंने देखा आंटी बिल्कुल नंगी नहा रही थी, एक भी कपड़ा नहीं था शरीर पे।
मेरा लंड एक दम से तन गया, मेरी आँखे फटी की फटी रह गयी।
आंटी को पता था मैं ऊपर से देख रहा हूँ। आंटी अपने बूब पर साबुन लगा कर अपने बूब सहला रही थी।
तभी आंटी ने मेरी तरफ देखा और एक हल्की से मुस्कुरा दी।
मैं ये सब देख का पागल हुआ जा रहा था, मन कर रहा था अभी जाके छोड़ दु। तभी मुझे किसी के आने की आवाज़ सुनाई दी।
मैं झट से वहां से भागा और अपने कमरे में जेके आंटी को चोदने की सोचने लगा।
पूरा दिन ऐसे ही निकल गया। अगले दिन सुबह 11 बजे थे, तभी बहुत तेज़ बारिश होने लगी।
मैंने देखा मल्लू आंटी छत पर नहा रही थी। मैं भी फौरन छत पे गया।
आंटी ने काले रंग की मैक्सी पहनी हुई थी, जिसमें वो बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी।
आंटी का पूरा शरीर भीगा हुआ था, जिस वजह से उनकी मैक्सी शरीर से चिपक गई थी।
देखने से लग रहा था कि आंटी ने मैक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना है। उनकी उठी हुई गांड दूर से ही दिख रही थी,
उनकी मैक्सी उनके चूतड़ो के बीच में फसी हुई थी। तभी आंटी और मैं बात करने लगे।
आंटी – आज तो बारिश में नहाने का मज़ा ही आ गया।
मैं- हाँ आंटी बहुत मज़ा आ रहा है। पर मुझे तो अब ठंड लगने लगी है।
आंटी – हाँ ठंड तो मुझे भी लग रही है, चाय?
मैं खुश हो गया ये सुन कर. मैंने झट से हाँ बोल दिया और हम दोनो नीचे गये।
मैं- आंटी कहां बैठी हो?
आंटी – कहीं भी बैठ जाओ, भीग जाएगा, कोई दिक्कत नहीं।
मैं बैठ गया.
आंटी किचन में चली गई चाय बना – विराज तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं – नहीं आंटी कोई मिली ही नहीं आप जैसी सुन्दर।
आंटी – (हस के बोली) हट नालायक!
मैं – सच में आंटी आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो। ( Aunty Sex Stories )
आंटी – मेरी तो अब शादी हो गई है, दो बच्चे भी हैं तो मैं तो नहीं बनूंगी।
इतने में मैं धीरे-धीरे किचन में गया और हिम्मत करके आंटी को पीछे से पकड़ लिया।
आंटी ने सच में मैक्सी के अंदर कुछ नहीं पहना था,
मेरा लंड उनकी चूतडो के बीच में सीधा जाकर फंस गया।
आंटी मुझे पीछे हटाने लगी।
आंटी – विराज ये क्या कर रहे हो, गलत है ये और मैं तुमसे उम्र में बड़ी हूँ ।
मैं – आंटी बड़ी हो तो क्या हुआ प्यार बड़ा छोटा नहीं देखता।
आंटी – विराज किसी को पता लग गया ये सब, तो बहुत बुरा होगा।
मैं – आंटी किसी को पता नहीं लगेगा और मुझे आपकी ठंड भी तो दूर करनी है।
इसमें मैंने अपने दोनों हाथ उनके दूधो पर रख दिए और जोर से दवाने लगा।
आंटी धीमी आवाज़ में मुझे रोकने की नाकाम कोशिश कर रही थी।
मैं जोर जोर से आंटी के स्तन दवा रहा था और आंटी की गांड पर अपने लंड का दवाब बना रहा था।
लगभग 10 मिनट बाद आंटी ने मेरी तरफ से मुड़ी और जोर से मेरी होंठों पर अपने होंठों को रख दिया। 5 मिनट तक हम हांथ चुस्त रहे।
आंटी – चाय तो ले लो।
मैं- चाय किसको पीनी है मुझे तो आपका बूब पीना है।
इतने में आंटी ने मेरे मुँह अपने स्तन में दबा दिया। हम रसोई में ही ये सब कर रहे थे।
तभी आंटी ने मेरा लंड नीचे के ऊपर से ही पकड़ लिया और आगे पीछे करने लगी।
मैंने आंटी की मैक्सी को निकाल के फ़ेक दिया। उफ्फ्फफ्फ्फ़ क्या बूब था मजा आ गया।
मैंने तुरन्त उनके एक बूब को हाथ से पकड़ा और दूसरे बूब को मुँह में ले के पीने लगा।
आंटी शक्ति लेने लगी आह्ह्ह्ह दर्द हो रहा है विराज।
अब मैंने एक हाथ से उनके स्तन से हटाया और उनकी चूत पर रखा, उनकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे।
जैसे ही मैंने चूत पर हाथ रखा आंटी कस के मुझसे चिपक गई और फिर से हांथ चूसने लगी। ( Padosan Aunty Ki Chudai )
आंटी ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और लोअर भी निकाल दिया। अब मैं अंडर वियर में खड़ा मेरा लंड बाहर आने को तड़प रहा था।
आंटी ने लंड को ऊपर से ही पकड़ के हिला रही थी और किस कर रही थी।
तभी आंटी अचानक नीचे बैठ गई और सीधे अपने होठों पर मेरा लंड रख दिया और अंडरवियर के ऊपर से ही मुँह में लेने लगी।
बाहर बारिश हो रही थी और हल्की रोशनी में नंगी आंटी किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी।
तभी आंटी ने मेरा लंड बाहर निकाला और उसको प्यार से सहने लगी और अंडरवियर भी निकाल दिया।
अब हम दोनो बिलकुल नंगे थे और आंटी फर्श पर बैठ के मेरा लंड चूस रही थी।
लगभाग 5 मिनट चूसने के बाद मेरा वीर्य निकल गया, जैसे आंटी पूरा पी गई।
आंटी अब खड़ी हुई और मेरे होठों को चूसने लगी। मैं एक हाथ से उनके बूब दबा रहा था, बूब बिल्कुल लाल पड़ गया था।
एक हाथ उनकी चूत पर ले गया और एक उंगली अंदर डाल दी।
आंटी – हाआन्नन्न आह्ह्ह्ह विराज्ल्ल मेरी जान मज़ा आ गया।
मैं तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रहा था। आंटी उतनी ही तेज़ी से मेरा होंठ चूस रही थी।
अब मैंने दो उंगली आंटी की चूत में डाली आंटी के मुँह से सिसकारियां निकाल रही थी।
आह्ह्ह्हह्ह आह्ह्ह्हह्ह उइइइइइइइइइइइ माँआआ और मैं जोर जोर से उंगली अंदर बाहर कर रहा था।
इतने में आंटी का पानी निकल गया आंटी जोर से मेरे होंटो तो काट लिया।
मैं- क्या कर रही हो आंटी इतनी तेज़ क्यों काटा?
आंटी – विराज मेरी जान तुमने उंगली से ही पानी निकाल दिया मेरा, अब मेरी चूत को अपने मुँह में लेलो।
खा जाओ मेरी चूत को भोसड़ा बना दो अपनी आंटी की चूत का।
मेरा मुँह आंटी ने अपनी चूत पर रख दिया। मैंने आंटी की एक टांग ऊपर शिल्प पर रख दी और चूत चाटने लगा। मैने अपनी जीभ आंटी के चूत में डाली।
आंटी – आहहहहहहहह विराजल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल् और अंदर डाल डालल्ल्ल् मेरे राजा।
मैंने 10 मिनट तक आंटी की चूत को चाटा। इतने में आंटी एक बार और झड़ गई। आंटी ने मुझे गाली दी
और फिर किस करने लगी और धीरे-धीरे चुमती हुई नीचे बड़ी और मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया, मेरा लंड पूरा तन गया था।
आंटी – विराज अब नहीं रह जाता मेरी चूत का भोसड़ा बना दे।
मैं – आंटी अपनी एक टांग तो ऊपर स्लिप पर रखो।
अब आंटी का एक जोड़ा फर्स पर दूसरा स्लिप पे था। आंटी की चूत पूरी तरह से खुल गई थी।
मैंने अपना लंड आंटी की चूत पर रगड़ा और एक झटका मारा, आधा लंड अंदर और आंटी आगे की ओर बढ़ गई। ( Padosan Aunty Ki Chudai )
आंटी – आह्ह …
अब मैंने एक और झटका मारा और पूरा लंड अंदर, आंटी जोर से चिकने लगी आह्ह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह।
मैं थोड़ा रुका, अब आंटी अपनी कमर को आगे पीछे करने लगी।
मैंने दोनो हाथों से आंटी के स्तन पकड़ लिए और जोर जोर दवाने लगा और जोर जोर से धक्के मारने लगा।
लगभग 20 मिनट के बाद मैंने आंटी की चूत में अपना पानी छोड़ दिया।
आंटी बहुत खुश लग रही थी। आंटी उठी और मेरा लंड मुँह में लेकर साफ करने लगी।
२ मिनट बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।
अब मैंने आंटी को किचन में ही घोड़ी बनाया और उनके बालों को पकड़ कर अपने लंड उनकी चूत में डाल दिया।
आंटी – आआह्ह विराज बहुत मज़ा आ रहा है। चोदो मुझे आज मेरी चूत फाड़ डाल मेरे शेर।
मैं – आंटी आज तो तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना के ही मानेगा।
आंटी – आआह्ह्ह्ह अहाह्ह विराज मेरे राजा मुझे रोज तुम्हारा लंड चाहिए।
मैं – हाँ आंटी मेरा लंड तुम्हारा ही है। लेकिन मुझे आपकी ज़रूरत से एक मेरा बच्चा चाहिए।
आंटी – ये क्या बोल रहे हो विराज ऐसा नहीं हो सकता ज़रा धीरे धीरे चोदो मेरे राजा।
मैं – हाँ आंटी मुझे मेरा एक बच्चा चाहिए आप से। ( Padosan Aunty Ki Chudai )
आंटी – इतने सालों के बाद बच्चे, लोग क्या कहेंगे?
ये सुन कर मैं जोर जोर से चोदे जा रहा था। आंटी भी अपनी गांड आगे पीछे कर रही थी।
मैं – लोग कुछ भी कहें मुझे तो आपसे मेरा बच्चा चाहिए।
इतने में मैंने एक बार फिर आंटी की चूत में पानी छोड़ दिया और आंटी के ऊपर लेट गया।
मैं- आंटी बच्चा करोगी ना मेरा?
आंटी घूम के मुझे चिल्ला के जमीं पर ले गई और किस करने लगी।
वो बोली – हाँ मेरे राजा तुम्हारी ख़ुशी के लिए तुम्हारा बच्चा पैदा करूँगी
फिर मैंने उसी दिन Mallu Aunty Ki Chudai की और मेरा बच्चा कैसे हुआ, उसकी कहानी अगले भाग में बताऊँगा।