आज अपने जीवन की एक मस्त घटना आप सब को बताने जा रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी ये Mama Ki Ladki Ki Chudai की कहानी पढ़कर मजा जरूर आएगा।
चलिए अब समय बर्बाद ना करते हुए bhai bahan ki sex story hindi पर ले चलता हूँ
मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं। आज की तारीख में मैं 27 साल का जवान मर्द हूं।
मेरी पत्नी मुझसे बहुत खुश रहती है, क्योंकि उसको रोज रात को दो बार चोदता हूँ। मेरा एक बच्चा भी है, जिसकी वजह से अब मेरा परिवार पूरा है।
वे तो मैं अपनी भी अपनी पत्नी से बहुत खुश था। पर वो कहते हैं ना चूत और सांप जहां मिले जब उसे तभी मारना चाहिए।
ऐसा ही कुछ मेरे साथ पीछे महीने। मेरे मामा जी के गाँव में उनके घर पर हुआ। मेरे मामा जी के साथ शुरू से ही बहुत बनती है।
मुझे अचानक ही उनके बेटे की शादी में जाना पड़ गया। वो जहां रहते थे,
वहीं के गांव के सरपंच जो चुनाव जीते थे। उनकी एक बेटी थी, जिसका नाम प्रिया है। मैंने प्रिया को ही चोदा था,
पर उसकी bur ki kahani बताने से पहले मैं आपको प्रिया के बारे में थोड़ा सा बताना चाहता हूँ। इसलिए आप इस लड़की के बारे में थोड़ा सा जान ले।
तो प्रिया एक बड़े बाप की औलाद है। पर वो गांव की सबसे खूबसूरत लड़की है।
इस बात में किसी भी तरह का कोई भी शक नहीं था। उसकी उम्र 19 साल है और उसकी ऊंचाई 5’2 इंच है।
उनके गुलाबी होठों पर उनके गोरे रंग और भी चार चांद लगते हैं। और उसकी जवानी में उसका फिगर 32-26-34 है।
जब भी कोई एक बार देख लेता था, तो एक बार जरूर उसके लंड का पानी अपने आप निकल जाता था।
वह अभी बी.ए. प्रथम वर्ष में पढ़ रही थी, वह काफी शांत स्वभाव की लड़की है। प्रिया किसी के साथ भी नहीं बोलती थी,
इसलिए उसके साथ मजाक मस्ती करना तो बहुत दूर की बात है।
अगर कॉलेज में कोई उसके साथ बात करना चाहे तो उसको कम से कम इतनी बार ज्यादा सोचना पड़ता था।
क्योंकि एक तो किसी के साथ फालतू बात नहीं करती थी। और ऊपर से उसका बाप बहुत बड़ा सरपंच था। पर ये सब और लोगो के लिए था मेरे लिए नहीं।
क्योंकि मैं बचपन से गांव में आता जाता रहता हूं। इसलिए मेरी सरपंच से अच्छी बनी हुई है, उन्हें मेरे ऊपर पूरा विश्वास है।
उनकी बेटी प्रिया मेरे साथ ही खेल कर बड़ी हुई है। इसलिए कोई ज्यादा दिक्कत नहीं थी.
खैर जब मैं अकेली शादी में गया, तो मैं कुछ दिन पहले ही चला गया।
जब मैंने प्रिया को देखा, तो मैं उस साली को देखता ही रह गया। उसके स्तन और चूत अब बाहर आ चुके थे।
मेरा मन तो उसे देखते ही चोदने का होने लग गया। जब प्रिया मुझे बार-बार पीछे मुड़कर देख रही थी,
तो मेरा लंड उसका दीवाना हो गया था।
उसके गोरा चेहरा मेरा लंड अपने पानी से और भी गोरा करने की सपने देख रहा था। खैर मैं अपने सारे काम करने के बाद ऊपर वाले कमरे में गया।
जब मैंने देखा कि प्रिया बैठी हुई थी, तब पर अकेली बैठी हुई थी। मुझे अचानक से देख कर वो बाल रह गई और बोली।
प्रिया – आप यहां क्या कर रहे हो? कोई काम है क्या?
मैं – काम नहीं तो बस प्यास लग रही है।
प्रिया – आई बैठो मैं आपको पानी देती हूँ। फिर वो मेरे लिए पानी ले कर आई और पानी देकर मेरे पास आकर कुर्सी पर बैठ गई।
वो कसम से बहुत ही सुन्दर और सेक्सी लग रही थी। अब मेरे दिमाग में शेतानी आइडिया चलने लग गए।
मैं – अच्छा प्रिया शादी कब कर रही हो तुम?
प्रिया – क्यों भैया आप मुझसे ये बताओ ये शादी करनी ही क्यों है मुझसे?
मैं – अगर जिंदगी को मज़े से जीना है तो शादी ही करनी है।
प्रिया – क्यों बिना शादी किए लाइफ में मजे नहीं मिलते क्या भैया?
मैं – ऐसी कोई बात नहीं है। वेसे मैं अपना कहना चाहता था तो मुझे तो मजा आया और सुख दोनो बिना शादी के मिलना न भूले।
प्रिया – अच्छा भैया तो आप ही बताओ मुझे, कि आपको कितने दिन ऐसे सुख मिले शादी करने के बाद?
ये कहते ही वो मेरे पास हो कर थोड़ी बैठ गई, फिर मैं बोला।
मैं – देख तेरी भाभी मेरे लिए खाना बनाती है। मेरा ख्याल रखती है और रात को सोने से पहले हम दोनो खूब एक दूसरे को प्यार करते हैं।
प्रिया – प्यार क्यों करते हो, और वो भी रात को?
मैं – मजे लेने के लिए यार.
प्रिया – ऐसी कोई शरारत और प्यार है, आप दोनों रोज करते हो। मैं उसकी बातें सुन कर समझ गया कि अब ये जवान हो गई है।
और अब ये चुदने के लिये तयार है। इसलिए मैंने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी और खींच लिया, तभी वो बोली।
प्रिया – भैया आप ये क्या कर रहे हो? मैं-मैं शर्त लगा रहा हूं यार। प्रिया – पर आपने तो प्यार भी कहा था ना.
मैं – हा हा मेरी जान वो भी करके बता रहा हूँ, थोड़ा सा सबर रखो प्लीज। फिर मैंने उसे खींच कर अपने गोद में बिठा लिया
और मैंने प्रिया के होंठो पर किस कर ली। प्रिया – क्या ऐसे ही करते हैं प्यार? अब मैं कुछ नहीं बोला,
क्योंकि अब बोलने से ज्यादा उसके साथ सब कुछ करके ही मैं कुछ कर सकता था।
इसलिए मैंने उसको अपने सीने से लगा लिया और मैंने उसके स्तन दिखाने लग गया। मैं उसकी आँखों में मदहोशी साफ साफ देख पा रहा था।
ये कहानी आप HindiXstory पर पढ़ रहे हैं। उसके नरम और गरम चूतड़ो ने मेरा लंड खड़ा कर दिया था।
मेरा लंड 8 इंच लम्बा और 2’5 इंच मोटा हो था, जो कि पूरा खड़ा हो चुका था। मेरा लंड जब प्रिया के चूतड़ो के अंदर जाने लगा,
तो शायद उसे कुछ अजीब लगा। इसलिए वो एक दम खड़ी हुई और मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर बोली।
प्रिया – भैया ये क्या है?
मैं – जान इसे लंड कहता है।
प्रिया – अच्छा इससे क्या होता है?
मैं – मेरे पास आओ फिर तुम्हारे अच्छे से मैं समझ देता हूँ।
प्रिया मेरे पास आ गई, और मैंने उसकी सलवार को धीरे-धीरे खोलना शुरू कर दिया। जैसे ही उसकी सलवार खुली तो वो बोली।
प्रिया – भैया आप ये क्या कर रहे हो?
मैं – मैं अब चुदाई करूंगा तेरे साथ।
प्रिया – वो तो ठीक है, पर मुझे आप नंगा क्यों कर रहे हो?
मैं – बत रहा हूँ यार. फिर मैंने प्रिया को नंगी करके बिस्तर पर लेटा दिया।
उसकी चूत देख कर मैं दीवाना हो गया। उसकी चूत सच में कवारी थी, जो उसकी पानी से पूरी भीगी हुई थी।
मैं हवस में अपने होश खो बैठा। इसलिए मैंने अपना लंड बाहर निकाला और प्रिया की दोनों टांगे खोलकर अपना जोरदार धक्का मार कर अंदर डाल दिया।
जेसे ही लंड थोड़ा सा अंदर गया, प्रिया को सच में बहुत दर्द हुआ। वो जोर जोर से रोने और चिल्लाने लग गयी।
इससे पहले मैं चुप रहता था, उसका दर्द कम होता था। वो मुझे गन्दी गन्दी गालियां देने लग गई,
और मुझे धक्का देकर अपने कपड़े डाल कर रोते हुए जब से निकल गई। इस हालत में नीचे जाते देख कर मैं एक दम से डर गया।
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क्योंकि मुझे लगा कि अगर इसने किसी को इस बारे में बता दिया, तो साले मुझे जान से मार देंगे। तभी उसकी छोटी बहन अंजली ऊपर आई और मुझे पूछने लग गई।
अंजली – नमस्ते भैया, आपको क्या पता है? कि दीदी इतना क्यों रो रही है?
मैं – हाँ, हमें कुछ नहीं हुआ, कुर्सी पर बैठी थी। अचानक से उसका पैर टेबल पर जोर से लग गया।
इसलिए बहुत दर्द कर रहा है।
अंजली – अच्छा अच्छा कोई डरने वाली बात तो नहीं है।
मैं – नहीं नहीं बस तुम ये दवाई उसे दे देना ठीक है।
फिर मैं नीचे आया और माँ के साथ काम करने लग गया। तब मामा ने मुझे बताया कि घर के ज्यादा मेहमान सरपंच के घर रुके हुए हैं।
इसलिए उसने अपनी लड़की प्रिया ऊपर हमारे वाले कमरे में कुछ दिनों के लिए शिफ्ट कर दी है।
तू उसके पास ही है इसलिए जइयो तू उसका भाई है।
इसलिए तू ऐसा भी करता है, और किसी पर मुझ पर विश्वास नहीं है।
ये कह कर वो चले गए, और मेरे मन में ख़ुशी के लड्डू फूटने लग गए। फिर मैंने जल्दी से रात होने का इंतज़ार करने लग गयी।
जेसे ही रात हुई मैं ऊपर अपने कमरे में सोने के लिए गया। जब मैंने अंदर ही प्रिया को बिस्तर पर सोते हुए देखा।
उसे देख कर मैं खुश हो गया, फिर मैंने अंदर से दरवाजा बंद कर दिया। और मैं धीरे से उसके पास जाकर बैठ गया।
मुझे देख कर वो रोने रोने लग गई और बोली। प्रिया – भैया मैं आप आगे हाथ जोड़ती हूँ, प्लीज अब फिर से वो सब मत करना मेरे साथ प्लीज।
मैं – अरे नहीं करता प्रिया तुम फिकर मत करो सो जाओ। अच्छा वेसे तुम्हें ज्यादा दर्द हुआ था क्या? ये कह कर मैं उसके सर को दबाने लग गया।
जिसे काफी ज्यादा आराम मिलने लग गया। तभी उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने स्तन पर रख दिया और बोली।
प्रिया – भैया प्लीज यहां से दबाओ मुझे यहां दर्द हो रहा है।
मैं – कोई बात नहीं अभी मैं तेरे सारे दर्द ठीक कर दूंगा। फिर मैंने उसके स्तन दबा कर उसे गरम करना शुरू कर दिया।
मैं समझ गया था कि अब प्रिया चुदने के लिए तैयार हो रही है, क्योंकि उसको एक बार लंड का स्वाद लग चुका था।
मैं उसके स्तनों को मसल रहा था, और प्रिया खुद अपने दोनों हाथों से अपनी टैंगो के बीच चूत मसल रही थी।
फिर मैंने अपने हाथ नीचे उसकी चूत के पास ले गया और खुद उसके हाथ हटा कर मैंने उसकी चूत को मसलना शुरू कर दिया।
प्रिया की सांसे तेज़ होने लग गई और उसके मुँह से सिसकारियाँ भी निकलने लग गई।
प्रिया – भैया जरा जोर से करो ना प्लीज। मैंने अब उसकी चूत को जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया, उसकी चूत पूरी भीग चुकी थी।
फिर थोड़ी देर तक ये सब चलने के बाद वो बोली।
प्रिया – भैया आप भी मेरे साथ ले जाओ ना।
मैं – एक मिनट बस. मैं उठा कर दरवाजा और खिड़की अच्छे से बंद करके उसके पास आया, और मैंने उसके होठों को अपने होठों पर भर के चूसने लग गया।
प्रिया भी मेरे होंटो को जोर जोर से चूस रही थी। फिर मैंने उसके कपड़े निकाल दिए। आज मैंने पहली बार उसके स्तनों को देखा था।
मैंने उसके स्तनों को अपने मुँह में भर लिया और साथ वाले अपने हाथों से मसलना शुरू कर दिया। वो बहुत ही गरम होने लग गई,
अब मैंने धीरे-धीरे उसके जिस्म को चाटे हुए नीचे किया और उसकी चूत के ऊपर अपनी जीभ लगा कर। ये कहानी आप हमारी वासना पर पढ़ रहे हैं।
मैं प्रिया की चूत को चाटने लग गया। इसे प्रिया पूरी पागल हो गई, वह जोर जोर से मुझे अपनी bur ki chatai में लग गई। जिससे मुझे बहुत ही मजा आने लग गया।
मैं उसकी चूत के अंदर अपनी जीभ डाल-डाल कर उसकी चूत को चोद रहा था।
उसकी चूत का पानी निकल गया, तो मैंने अपना लंड उसके मुँह आगे किया और बोला। मैं – लो अब इसे चुसो तुम।
प्रिया – ये भैया ये बहुत गन्दा है।
मैं – जान मैंने भी तो तुम्हारी चूत को अच्छे से चूसा और चाटा है। वो भी गन्दी थी, मैंने चूसी ना फिर भी।
अब ज्यादा नखरे करने की जरूरत नहीं है। चुप चाप मेरे लंड को अच्छे से चूसो। प्रिया ने मेरी बात मानी और मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया।
मैंने उसका मुँह अच्छे से चोदा और जब मेरा लंड पूरा गीला हो गया। तो मैंने उसकी दोनों टांगे खोली और उसकी गांड के नीचे एक तकिया रख दिया।
आज मैं बड़े ध्यान से एक कदम उठा रहा था। उसकी चूत कुंवारी थी,
इसलिए सील टूटने में दर्द तो होगा ही ना।
मैंने उसकी दोनो टांगे अपने कंधे पर रखी और अपना लंड उसकी चूत पर धीरे से रखा।
और मैंने उसके ऊपर लेटकर उसके होठों को चूसने लग गया। जिस हाय प्रिया को किस करने में मुझे मजा आने लगा,
तभी मैंने अपना लंड धक्का मार कर उसकी चूत में घुसा दिया। वो जोर जोर से चिल्लाने लगी, पर मैंने उसके होठों को अपने होठों में कैसे रखा।
इसलिए उसकी आवाज़ बाहर नहीं आई और मेरा लंड अंदर चला गया। प्रिया मेरे नीचे मछली की तरह तड़प रही थी।
पर वो मुझसे बचकर अब नहीं जा सकती थी। जहाँ मेरा लंड पूरा एक बार उसकी चूत में घुस गया।
तो मैंने उसके ऊपर जरा भी नहीं रखा और उसकी चूत को बुरी तरह से चोदने लग गया। उसकी चूत से खून ही खून निकाल दिया था मैंने।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद हम दोनो का पानी निकल गया। और फिर मैंने बाथरूम में जाकर उसकी चूत और लंड को अच्छे से साफ किया।
उस रात मैंने प्रिया को तीन बार चोदा। और हम दोनो चुदाई के खुल कर मज़े ले लिये।
अब मैं जब भी गांव में जाता हूं, तो एक बार प्रिया को जरूर चोद कर आता हूं।
कैसी लगी ये bhai bahan hindi sex story कमेंट में ज़रूर बताये।